Fascination About हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे



● गर्भवती महिलाओं को अधिक हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए । हल्दी गर्म होती है इसके लिए उन्हें हल्दी का सेवन करना उचित नहीं । बाह्य उपचार के लिए हल्दी ठीक है। लेकिन अंतर्गत अधिक मात्रा में हल्दी पीने से गर्भपात होने का खतरा भी हो सकता है ।

हाँ, विशेषज्ञों के अनुसार हल्दी का सेवन इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। सर्दियों के मौसम में या फिर मौसम में बदलाव के दौरान अक्सर हम लोग जल्दी -जल्दी बीमार पड़ जाते है और हमें ठीक होने में भी समय लगता है। वास्तव में इम्यूनिटी का कमजोर होना ही इसका मुख्य कारण है। इसलिए सर्दियों के मौसम में या मौसम में बदलाव के दौरान अपने खानपान में हल्दी ज़रूर शामिल करें।

हल्दी आपके किचन में रखा सबसे गुणकारी मसाला है. इसके सेवन से शरीर में एलडीएल का स्तर कम होता है. इसके साथ ही अगर आप काली मिर्च का भी सेवन करेंगे तो आपके शरीर में एलडीएल में काफी कमी देखने को मिल सकती है.

हल्दी बहुत ही उपयोगी और स्वास्थ्यवर्धक है कि हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और रोगों से बचाने का काम करती है आइए जानते हैं हल्दी से होने वाले फायदे ।

कच्ची हल्दी को गैस पर जलाकर कोयले की तरह बना लीजिए फिर इसको पीसकर इसमें समान मात्रा में अजवायन मिलाकर इससे रोज़ाना सुबह मंजन करें।

हल्दी वाला पानी पीने के कई फायदे हैं। हल्दी में पाया जाने वाला कुर्कुमिन तत्व सूजन और जोड़ों में होने वाले असाह्य दर्द को ठीक कर देता है। सूजन की अचूक दवा है हल्दी का पानी। सुबह उठने के तुरंत बाद हल्दी वाला गुनगुना पानी पीने से पेट और छाती की जलन कम होती है। जिन्हें सुबह उठते के साथ ही पेट में जलन होती है, उन्हें हल्दी पानी पीने से आराम मिलेगा। जिन्हें एसिडिटी की समस्या रोजाना रहती है, उन लोगों को यह पानी रोजाना पीना चाहिए। 

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हल्दी दूध की तासीर गर्म होती है। हल्दी दूध शरीर को गर्मी देता है पर इसका अधिक इस्तेमाल शरीर को नुक्सान भी पहुंचा सकता है। इसलिए इसका उपयोग नियमित रूप से करें।

सबसे पहले तो ये बात जान लीजिए कि हल्दी की मात्रा को संतुलित रखें। पूरे दिन भर में आधा चम्मच से ज्यादा हल्दी का सेवन न करें। दाल व सब्जी में एक चौथाई चम्मच या उससे थोड़ी कम हल्दी डाल सकते हैं। और वहीं अन्य चीजों में चुटकी भर हल्दी भी काफी है।

हल्दी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, जो शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करती है। हल्दी के पानी में एंटीऑक्सिडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ने में मदद कर सकते हैं, सेलुलर स्वास्थ्य का समर्थन कर सकते हैं और पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते हैं।

सर्दी के read more मौसम खांसी-जुकाम जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। इन सभी समस्याओं को रोकने के लिए आमतौर पर कच्ची हल्दी का उपयोग दवा के रूप में किया जाता है। कच्ची हल्दी औषधीय गुणों का खजाना है। हल्दी पाउडर की तुलना में कच्ची हल्दी स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद है। आयुर्वेद में, कच्ची हल्दी को सूजन को कम करने, जुकाम से राहत, पाचन तंत्र में सुधार, इम्यूनिटी बढ़ाने, रक्त को शुद्ध करने और कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में प्रभावी बताया गया है। कच्ची हल्दी का उपयोग काढ़ा बनाकर या फिर इसका हलुआ बनाकर उपयोग में ला सकते हैं।

अर्थराइटिस की समस्या या जोड़ों में दर्द की समस्या है तो इससे निजात पाने के लिए हल्दी का सेवन करे। हल्दी का सत का सेवन करने से अर्थराइटिस के लक्षणों में जैसे: दर्द, सूजन को कम करने में मदद करता है। शरीर में किसी जगह पर दर्द या सूजन है तो हल्दी का लेप लगाने से आराम मिलता है।

पेट में गैस आदि परेशानियाँ भी पाचकाग्नि के मंद पड़ जाने के कारण होती है जो पाचन तंत्र को भी बिगाड़ देती है। हल्दी में उष्ण गुण होने के कारण यह पाचकाग्नि को बढ़ा कर पाचन तंत्र को स्वस्थ करने में मदद करती है, जिससे गैस की समस्या से छुटकारा मिलता है।

असल में हल्दी आंतों के ज़हर को दूर करके रोगो से बचाव करती है।

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